फ्रांस की सीनेट ने 18 जुलाई 2017 को आतंकवाद निरोधक बिल परिक किया. फ्रेंच सीनेट में कंजर्वेटिव सदस्यों की बहुलता है जिन्होंने इस बिल को बहुमत से पारित किया.
फ्रेच सीनेट के सदस्यों ने इस बिल को 106 मतों के मुकाबले 229 मतों से पारित किया. अब यह बिल निचले सदन नेशनल असेंबली को भेजा जायेगा जहां इसके लिए अक्टूबर 2017 में चर्चा की जाएगी.
फ्रांस द्वारा बनाया जा रहा यह नया कानून पेरिस में 2015 में हुए आतंकवादी हमले में बाद लगाए गए आपातकाल का स्थान लेगा. इन हमलों में 130 लोग मारे गए थे. राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने अपनी चुनावी घोषणाओं में इस बिल के लिए लोगों से वायदा किया था.
मुख्य बिंदु
• स्टेट ऑफ इमरजेंसी के तहत अधिकारियों को लोगों को नजरबंद करने, घरों की तलाशी लेने न्यायाधीश की पूर्वानुमति के बिना जन सभा पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार है.
• इसे अब तक छह बार कार्यविस्तार दिया जा चुका है.
• प्रस्तावित विधेयेक के अनुसार कुछ आपातकालीन क्रियाकलाप कानून का रूप ले लेंगे.
• वारंट के बिना किसी भी प्रॉपर्टी की तलाशी लेना एवं हाउस अरेस्ट करना भी पुलिस के अधिकारों में शामिल हो जायेगा.
• हालांकि इस कदम का विभिन्न मानव अधिकार संगठनों द्वारा विरोध किया गया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल एवं ह्यूमन राइट्स वॉच ने इसे कठोर कानून की संज्ञा दी है.
• फ्रांस के इंटीरियर मिनिस्टर गेरार्ड कॉलोम्ब के अनुसार यह देश में मौजूद आतंक के खतरे के कारण आवश्यक हो गया है.
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